नमस्ते दोस्तों! मैं Freya Morris हूँ, और बागवानी मेरा जुनून है। मिट्टी की खुशबू, पौधों की हरियाली और मौसमों से सीखना – यही मेरी रोजमर्रा की प्रेरणा है। मैंने वर्षों तक छतों, बालकनियों और छोटे-बड़े बागों में विभिन्न पौधों की देखभाल की है। मुझे भारतीय जलवायु, परंपरागत बागवानी उपाय और जैविक खेती में गहरी रुचि है। यहाँ मैं आपसे ऐसे टिप्स और किस्से साझा करती हूँ, जो आपके गार्डन को हरा-भरा और मन को खुशहाल रखें। आइए, इस खूबसूरत बगिया-सफर में साथ चलें!
गर्मी के मौसम में लोकप्रिय फूलों की विविधताइस भाग में, भारत में गर्मी के मौसम के दौरान खिलने वाले प्रमुख और लोकप्रिय फूलों के नाम और उनकी किस्मों पर चर्चा…
1. भारत में मौसमी फूलों का महत्वभारत एक विविधताओं से भरा देश है, जहाँ हर प्रदेश की अपनी अलग जलवायु, संस्कृति और परंपराएँ हैं। इन विविधताओं के बीच मौसमी फूलों…
मल्चिंग की भारतीय पारंपरिक तकनीकेंभारत में मल्चिंग का इतिहास बहुत पुराना है। किसान सदियों से अपने खेतों की उपज बढ़ाने और मिट्टी की नमी को सुरक्षित रखने के लिए प्राकृतिक…
जैविक खेती में मल्चिंग का महत्वभारत में कृषि का इतिहास बहुत पुराना है और यहां की खेती मुख्य रूप से पारंपरिक तरीकों पर आधारित रही है। लेकिन बदलते समय के…
1. मल्चिंग क्या है और इसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमिमल्चिंग का अर्थ और मूल अवधारणामल्चिंग एक ऐसी कृषि तकनीक है, जिसमें मिट्टी की सतह को किसी जैविक या अजैविक पदार्थ से ढंका…
1. जैविक खाद क्या है और यह क्यों ज़रूरी हैभारतीय घरों में रसोई अपशिष्ट से जैविक खाद बनाना न केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद है, बल्कि भारतीय कृषि और बागवानी…
रसोई कचरे का सांस्कृतिक महत्वभारतीय समाज में रसोई कचरे का प्रबंधन केवल एक सफाई या पर्यावरणीय मुद्दा नहीं है, बल्कि यह हमारी पारंपरिक जीवनशैली और सांस्कृतिक धरोहर का अहम हिस्सा…
नीम का पारंपरिक महत्व और कृषि में उसकी भूमिकाभारत में नीम (Azadirachta indica) को विलेज फार्मेसी यानी ग्रामीण औषधालय कहा जाता है। यह पेड़ हजारों वर्षों से भारतीय संस्कृति, परंपराओं…