1. गोबर खाद का भारतीय कृषि में महत्त्वभारतीय कृषि की परंपराओं में गोबर खाद का विशेष स्थान रहा है। यह न केवल एक जैविक उर्वरक है, बल्कि किसानों की सांस्कृतिक…
1. भारतीय वाटर फीचर्स की पारंपरिक विरासतजल और पत्थर: भारतीय संस्कृति में अनोखा संगमभारत में जल तत्व हमेशा से ही जीवन, शांति और समृद्धि का प्रतीक रहा है। प्राचीन काल…
1. गेंदा और तुलसी की मिश्रित बागवानी का महत्वभारतीय संस्कृति में गेंदा और तुलसी का विशेष स्थानभारतीय संस्कृति में गेंदा (Marigold) और तुलसी (Holy Basil) के पौधों का संयोजन न…
1. परिचय: पहाड़ी क्षेत्रों में नकदी फसलों की महत्ताउत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश एवं अन्य भारतीय पहाड़ी इलाकों की जलवायु और भौगोलिक परिस्थितियां आलू, मक्का जैसी नकदी फसलों के उत्पादन के लिए…
सब्ज़ी मंडियों में टमाटर और मिर्च का सांस्कृतिक महत्वभारतीय खानपान की रंगीनता और विविधता में टमाटर और मिर्च का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है। हर राज्य, हर गाँव की अपनी सब्ज़ी…
1. गुलाब की कटाई और छंटाई का महत्त्वगुलाब के पौधों की देखभाल में कटाई और छंटाई का विशेष स्थान है। भारत जैसे विविध जलवायु वाले देश में गुलाब की प्रजातियाँ…
पारंपरिक रेग्नार कृषि का महत्वभारत में रेग्नार या शहरी छतों पर खेती का चलन तेजी से बढ़ रहा है। यह न केवल ताजे और सुरक्षित फल-सब्ज़ियां उपलब्ध कराने में सहायक…
1. भूमिका: संपूर्ण पौधे के महत्व की ओर एक दृष्टिभारतीय संस्कृति में पौधों का स्थान केवल प्रकृति सौंदर्य तक सीमित नहीं है, बल्कि उनका हर हिस्सा—पत्तियां, जड़ें और तने—हमारे जीवन…
परिचय: दक्षिण भारत की आजीविका में बागवानी का स्थानदक्षिण भारत, जिसमें कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और केरल जैसे राज्य शामिल हैं, अपने समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक विविधता के…
1. भारतीय पारंपरिक जैविक उर्वरकों का उपयोगभारत में पानी देने के बाद फूलों की देखभाल करने के लिए सदियों से जैविक और प्राकृतिक उर्वरकों का इस्तेमाल किया जाता रहा है।…