1. गमले के लिए सही आम की किस्म और बीज/गुठली का चयन
अगर आप अपने घर में गमले में आम का पेड़ उगाना चाहते हैं, तो सबसे पहला और जरूरी कदम है – आम की सही किस्म और स्वस्थ बीज या ग्राफ्टेड पौधे का चयन करना। भारत में आम की कई प्रसिद्ध किस्में हैं, लेकिन हर किस्म हर जगह नहीं बढ़ती। इसलिए स्थानीय जलवायु को ध्यान में रखते हुए किस्म चुनना बहुत आवश्यक है।
भारत में लोकप्रिय आम की किस्में
आम की किस्म | प्रमुख राज्य | खासियत |
---|---|---|
दशहरी (Dasheri) | उत्तर प्रदेश, बिहार | मीठा स्वाद, पतला छिलका, घरेलू बागवानी के लिए अच्छा विकल्प |
अल्फांसो (Alphonso/Hapus) | महाराष्ट्र, गुजरात | बेहद सुगंधित, गूदा मुलायम, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध |
बदामी (Badami) | कर्नाटक, आंध्र प्रदेश | अल्फांसो से मिलता-जुलता स्वाद, जल्दी पकने वाली किस्म |
बीज या ग्राफ्टेड पौधे का चयन कैसे करें?
- स्वस्थ बीज चुनें: यदि आप बीज से पौधा लगाना चाहते हैं तो पके हुए ताजे आम की गुठली लें। ध्यान रखें कि गुठली सड़ी-गली न हो और उसमें कोई फफूंदी या दाग न हो। गुठली को कुछ दिनों तक सूखा लें और फिर छिलका हल्का सा हटाकर लगाएं।
- ग्राफ्टेड पौधा चुनें: अधिकतर लोग जल्दी फल पाने के लिए ग्राफ्टेड (कलमी) पौधे लगाना पसंद करते हैं। इसके लिए किसी अच्छे नर्सरी से अपनी चुनी गई किस्म का ग्राफ्टेड पौधा खरीदें। यह पौधा जल्दी फल देता है और रोग प्रतिरोधक भी होता है।
- स्थानीय मौसम अनुसार चुनाव: आपके इलाके में कौन सी किस्म अच्छी तरह बढ़ती है, यह स्थानीय किसानों या नर्सरी वालों से पूछ सकते हैं। इससे आपको बेहतर परिणाम मिलेंगे।
संक्षिप्त सुझाव तालिका:
आपकी आवश्यकता | चुनाव करें | फायदा |
---|---|---|
जल्दी फल चाहिए | ग्राफ्टेड पौधा (कलमी) | 2-3 साल में फल मिलना शुरू होता है |
प्रयोग/शौकिया बागवानी के लिए | बीज से पौधा उगाएं | रचनात्मक अनुभव, थोड़ा समय ज्यादा लगता है (5-8 साल) |
घरेलू वातावरण में छोटा पौधा रखना है | Dwarf variety या Bonsai Mango Plant चुनें | छोटे गमले में भी आसानी से बढ़ता है, सुंदर दिखता है |
याद रखें:
गमले के लिए हमेशा अच्छी क्वालिटी की किस्म और स्वस्थ बीज या पौधे का चुनाव करें ताकि आपका आम का पेड़ अच्छी तरह बढ़ सके और ज्यादा फल दे सके। अगले चरण में हम बताएंगे कि सही गमला व मिट्टी का चुनाव कैसे करें।
2. गमला और मिट्टी की तैयारी
गमले का चयन
आम के पेड़ को गमले में अच्छी तरह से उगाने के लिए गमला चुनना बहुत जरूरी है। गमला कम-से-कम 18 इंच व्यास और 18-24 इंच गहराई वाला होना चाहिए। इससे आम के पौधे की जड़ों को बढ़ने के लिए पर्याप्त जगह मिलती है। साथ ही, गमले के नीचे अच्छे जल निकासी के लिए छेद अवश्य होने चाहिए, जिससे अतिरिक्त पानी आसानी से बाहर निकल सके और जड़ों को सड़न से बचाया जा सके।
मिट्टी की तैयारी
आम के पौधे के लिए मिट्टी तैयार करते समय पोषक तत्वों और जल निकासी का खास ध्यान रखना चाहिए। आमतौर पर बगीचे की मिट्टी, गोबर की खाद और रेत का मिश्रण सबसे अच्छा रहता है। नीचे दिए गए तालिका में उचित अनुपात बताया गया है:
सामग्री | अनुपात |
---|---|
बगीचे की मिट्टी | 2 भाग |
गोबर की खाद | 1 भाग |
रेत | 1 भाग |
इस मिश्रण से तैयार मिट्टी में आम के पौधे की जड़ों को जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं और पानी भी आसानी से निकल जाता है। अगर चाहें तो इसमें थोड़ा नीम खली या जैविक खाद भी मिला सकते हैं ताकि पौधा स्वस्थ रहे। मिट्टी भरने से पहले गमले के निचले हिस्से में छोटे पत्थर या ईंट के टुकड़े रखें, इससे जल निकासी और बेहतर हो जाती है। इस तरह तैयार किए गए गमले में आम का पौधा तेजी से बढ़ता है और अच्छी पैदावार देता है।
3. बीज बोने या पौधा रोपने की विधि
आम का पौधा गमले में कैसे लगाएँ?
गमले में आम का पेड़ उगाने के लिए आप दो तरीके अपना सकते हैं – या तो आम के बीज से पौधा तैयार करें, या फिर नर्सरी से ग्राफ्टेड पौधा खरीदकर रोपें। दोनों तरीकों के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। नीचे दी गई तालिका में दोनों विधियों की मुख्य बातें देखिए:
विधि | बीज द्वारा | ग्राफ्टेड पौधा द्वारा |
---|---|---|
शुरुआत | पके हुए आम का बीज निकालें और उसे अच्छे से साफ करें। | नर्सरी से 1-2 फीट ऊँचा ग्राफ्टेड पौधा खरीदें। |
गहराई | बीज को 2-3 इंच मिट्टी में दबाएँ। | गमले में इतना गड्ढा करें कि जड़ें आराम से आ जाएँ। |
पानी देना | बीज लगाने के बाद हल्का पानी डालें। | रोपने के बाद तुरंत हल्का पानी दें। |
स्थान चुनना | गमला छायादार जगह पर रखें जब तक पौधा मजबूत न हो जाए। | छाया में रखें, 1-2 हफ्ते बाद धूप में शिफ्ट करें। |
बीज बोने के आसान चरण
- सबसे पहले पके आम का बीज लें और उसे बहते पानी में अच्छी तरह धो लें। बीज के ऊपर की कठोर सतह को हल्के हाथ से खुरच सकते हैं, ताकि अंकुरण जल्दी हो।
- अब गमले की मिट्टी में करीब 2-3 इंच की गहराई बनाएं और बीज को क्षैतिज (sideways) स्थिति में रखें। ऊपर से मिट्टी डालकर हल्के हाथ से दबा दें।
- थोड़ा सा पानी दें, लेकिन ज्यादा पानी ना डालें – इससे सड़न की संभावना रहती है।
- गमले को ऐसी जगह रखें जहाँ सीधी धूप न पहुंचे, यानी छायादार स्थान पर रखें। जब पौधा 6-8 इंच लंबा हो जाए और उसमें कम-से-कम 4-5 पत्तियाँ आ जाएँ, तब आप उसे धीरे-धीरे धूप में शिफ्ट कर सकते हैं।
ग्राफ्टेड पौधे को कैसे रोपें?
- नर्सरी से खरीदा हुआ ग्राफ्टेड आम का पौधा लाएँ, जो स्वस्थ और हरा-भरा दिखता हो।
- गमले में इतना गड्ढा करें कि पूरा रूट बॉल आसानी से फिट हो सके।
- पौधे को गड्ढे में सावधानीपूर्वक रखें और चारों ओर मिट्टी भरकर हल्के हाथों से दबाएँ।
- रोपाई के तुरंत बाद थोड़ा पानी दें, ताकि जड़ें मिट्टी के साथ अच्छे से सेट हो जाएँ।
- गमले को छायादार स्थान पर रखें जब तक पौधा मजबूत होकर बढ़ने न लगे। फिर धीरे-धीरे उसे धूप में ले जाएँ।
ध्यान रखने योग्य बातें:
- गमले की तली में ड्रेनेज होल जरूर होना चाहिए, ताकि अतिरिक्त पानी बाहर निकल सके।
- शुरुआती दिनों में रोज हल्का पानी दें, लेकिन कभी भी गमले में पानी जमा न होने दें।
- अंकुरण या ग्राफ्टेड पौधे के मजबूती पाने तक सीधी तेज़ धूप से बचाएँ।
इन आसान चरणों का पालन करके आप अपने घर की बालकनी या छत पर आसानी से गमले में आम का पौधा लगा सकते हैं और कुछ सालों बाद उसमें फल भी पा सकते हैं!
4. नियमित देखभाल और पोषण
पौधे को पानी देना
गमले में आम का पौधा लगाने के बाद उसे सही मात्रा में पानी देना बहुत जरूरी है। ध्यान रहे कि मिट्टी में नमी बनी रहे, लेकिन पानी जमा न हो। अधिक पानी से जड़ें सड़ सकती हैं। नीचे दी गई तालिका को देखकर आप पौधे को कब और कितना पानी दें, यह समझ सकते हैं:
मौसम | पानी देने की आवृत्ति | विशेष निर्देश |
---|---|---|
गर्मी | हर 2-3 दिन में | सुबह या शाम के समय पानी दें |
मॉनसून | बारिश के अनुसार, आवश्यकता होने पर | गमले में जलभराव न होने दें |
सर्दी | हर 4-5 दिन में | मिट्टी सूखी लगे तो ही पानी दें |
खाद और पोषण देना
आम के पौधे को हर 2-3 महीने में वर्मी कम्पोस्ट या जैविक खाद जरूर डालें। इससे पौधा स्वस्थ रहेगा और तेजी से बढ़ेगा। रासायनिक खाद की जगह घरेलू जैविक खाद का उपयोग करें, जैसे गोबर की खाद, पत्तों की खाद आदि। इससे मिट्टी की उर्वरता भी बनी रहती है।
मॉनसून और गर्मी में विशेष देखभाल
मॉनसून और गर्मी के मौसम में आम का पौधा ज्यादा देखभाल मांगता है। मॉनसून में गमले में पानी जमा न होने दें क्योंकि इससे जड़ें खराब हो सकती हैं। गर्मियों में पौधे को सीधी धूप से बचाएं और जरूरत पड़ने पर छाया दें। साथ ही सुबह या शाम के समय ही पानी दें, दोपहर की तेज धूप में नहीं।
फंगल रोग और कीट नियंत्रण के घरेलू उपाय
गमले में लगे आम के पौधे को फंगल रोग और कीटों से बचाने के लिए नीम का छिड़काव करें। नीम तेल को पानी में मिलाकर सप्ताह में एक बार पत्तों पर छिड़क सकते हैं। इसके अलावा अगर आपको पत्तों पर सफेद चित्ती या फफूंदी दिखे तो पुराने कपड़े से हल्के हाथों से पत्ते साफ करें और जैविक स्प्रे का उपयोग करें। इस तरह के स्थानीय घरेलू उपाय आमतौर पर सुरक्षित होते हैं और पौधे को स्वस्थ रखते हैं।
5. कटाई और बढ़वार प्रबंधन
गमले में आम का पेड़ स्वस्थ और फलदार बनाने के लिए उसकी सही तरीके से छंटाई करना बेहद जरूरी है। पौधे की नियमित छंटाई करने से उसमें अच्छी बढ़वार होती है और फल भी अच्छे आते हैं। जब आम का पौधा 2-3 साल का हो जाता है, तब उसमें फूल और फल लगना शुरू हो सकता है। ऐसे समय में पौधे की देखभाल अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है। नीचे छंटाई और बढ़वार प्रबंधन के मुख्य बिंदु दिए गए हैं:
कार्रवाई | कैसे करें | फायदा |
---|---|---|
नियमित छंटाई | हर साल बसंत या पतझड़ में सूखी, बीमार या अतिरिक्त शाखाओं को काट दें | पौधे को सही आकार मिलता है और नई टहनियां निकलती हैं |
धूप में स्थानांतरित करना | गमले को समय-समय पर ऐसी जगह रखें जहां कम से कम 6-8 घंटे धूप मिले | पौधा मजबूत बनता है और फल अच्छा पकते हैं |
धैर्य रखना | फूल आने के बाद फलों के पूरी तरह पकने तक इंतजार करें, जल्द तोड़ने से स्वाद नहीं मिलेगा | मीठे और रसदार आम मिलते हैं |
पौधे की देखभाल के टिप्स
- अगर किसी शाखा में कीड़े लग जाएं तो उसे तुरंत काट दें।
- पौधे में पानी देते समय ध्यान दें कि मिट्टी गीली तो रहे पर पानी जमा न हो।
- फूलों के समय जैविक खाद डालें ताकि पौधा ताकतवर बने।
- अगर गमला छोटा हो रहा है तो हर 2-3 साल में बड़ा गमला लें।
- फलों के पकने तक पौधे को तेज हवा और बारिश से बचाएं।
सही रोशनी देना क्यों जरूरी?
आम का पौधा अच्छी तरह बढ़े, इसके लिए उसे भरपूर सूरज की रोशनी मिलना चाहिए। यदि घर के अंदर रखते हैं तो सप्ताह में दो-तीन बार गमले को बाहर धूप में जरूर रखें। इससे पौधे की पत्तियां हरी रहेंगी और फूल-फल अच्छे आएंगे। बस, इतना ध्यान रखें कि बहुत तेज धूप में पत्तियां झुलस न जाएं, इसलिए जरूरत अनुसार जगह बदलते रहें।